सूर्य और उसके साथी ग्रह एवं जातक और उसके पिता की स्तिथि

नमस्कार दोस्तों,


आज हम ज्योतिष शास्त्र में सूर्य का क्या महत्त्व होता है  इस विषय का विवेचन इस लेखमाला में करने का प्रयास करेंगे साथ ही जातक की कुंडली में सूर्य के साथ यदि कोई अन्य ग्रह हो तो जातक और उसके पिता की क्या स्तिथि होगी इसका भी विवेचन करेंगे 

1  भारतीय ज्योतिष शास्त्रों  में सूर्य को आत्मा का कारक  माना गया है यह सिंह राशि का स्वामी होता है 

2  सूर्य की जाति क्षत्रिय होती है और मानव जीवन में पेट आंखे चेहरा ह्रदय पर सूर्य का अधिकार होता है जिनका सूर्य मंदा या अस्त होता है उसके जीवन में पेट आंखे चेहरा और ह्रदय सम्बन्धी रोग उत्पन होते है 

3  सूर्य बृहस्पति का परम मित्र है इन दोनों के संयोग को ज्योतिष में जीवात्मा योग कहा जाता है क्योकि सूर्य बृहस्पति जीव है तो सूर्य आत्मा है  अतः दोनों मिलकर जीवात्मा कहलाते है भावार्थ यह होता है की जातक उसी कुल का पूर्वज होता है 

4   सूर्य और चंद्र भी परस्पर मित्र है तभी तो अमावस्या को सूर्य चंद्र को अपने आगोश में ले लेता है 

5   मंगल ग्रह भी सूर्य का मित्र ग्रह होता है जहा यह दोनों एक साथ होते है वह जातक आत्मबली हो जाता है साथ ही जातक का पिता शक्तिशाली और बहुत ही प्रभावशील वयक्ति होता है 

6   बुध ग्रह भी सूर्य का मित्र ग्रह है और सूर्य के बिलकुल करीब ही रहता है जहा यह दोनों एक साथ होते है वह जातक  और  जातक का पिता दोनों ही ज्ञानी होते  है 

7   शनि सूर्य का पुत्र है  लेकिन इन दोनों की आपस में शत्रुता रहती है   जहा से सूर्य की सीमा समाप्त होती है वहा से शनि की सीमा शुरू  होती है इसलिए जातक और उसका पिता जब तक आमने सामने होंगे दोनों की कोई प्रगति नहीं होगी ।  भारतीय वैदिक ज्योतिष में इस योग को पितृदोष माना जाता है  इस दोष की मुक्ति के लिए पिता और पुत्र दोनों को गायत्री मन्त्र का जाप करना हितकारी होता है


8   इसके आलावा शुक्र और राहु भी सूर्य के परम शत्रु होते है 

9   केतु ग्रह सूर्य के साथ समभाव रखता है जिस जातक की कुंडली में यह दोनों साथ में होते है तो जातक और उसका पिता दोनों ही धार्मिक स्वभाव के होते है 

10  सूर्य मेष राशि में 10  अंश पर उच्च बली और तुला राशि में 10  अंश पर नीच कमज़ोर होता है 

11  सूर्य मंदा हो उनको रविवार का व्रत करना चाहिए एवं  प्रत्येक रविवार को आदित्य ह्रदय स्तोत्रम का पाठ  भी करना चाहिए 

12  सूर्य का रंग केशरिया होता है और यह ताम्र धातु में फलित होता है एवं रत्न माणिक्य होता है 

मित्रो उपरोक्त वर्णित लेख में सूर्य और उसके साथी ग्रहो के बारे में जानकारी दी साथ ही जातक और उसके पिता की स्तिथि का भी विवेचन किया आशा करता हु की यह जानकारी आपको अच्छी लगी होगी 




                                                                  । जय श्री कृष्ण 

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