नमस्कार दोस्तों ,
आज हम ग्रहो के
अनुसार वास्तु की स्तिथि
के बारे में
विवेचन करेंगे की कोनसा
ग्रह हमारे वास्तु
पर क्या और
कैसा प्रभाव डालता
है। ज्योतिष और
वास्तु दोनों शास्त्रों का
यह अदभुत संयोग
प्रायः सभी जातको
की कुंडलियों में
भिन भिन रूप
में पाया जाता
है। आप भी
अपनी पत्रिका देखकर
आसानी से ज्योतिष
और वास्तु का
मिलान कर सकते
है। निचे दिए
गए 11 बिन्दुओ से
स्तिथि स्पष्ट हो जाती
है :-
1 जिसकी पत्रिका में शुक्र दूसरे घर
में बैठा हो
तो उस जातक
का मकान
गउमुखी होगा यानि
की आगे का
हिस्सा छोटा और पीछे
का हिस्सा बड़ा
होगा ।
2 लग्न में
शनि अशुभ हो
तो पश्चिम के
द्वार का
मकान बीमारी और
परेशानी देगा ।
3 शनि अगर
दूसरे घर में
हो तो आपका
मकान जैसा
बना हैं वैसा
ही रहने दे
यह आपके लिए
उत्तम रहेगा
4 जिसकी पत्रिका
में शनि अगर
10 वे घर में
हो तो उस
जातकको 111 नंबर हमेशा
शुभत्व प्रदान करेगा ।
5 जिसकी पत्रिका में
बुध ग्रह या
केतु ग्रह दूसरे, चौथे, आठवे
और बारहवे घर
में विराजमान हो
तो उस जातक को
अपने घर में
कुत्ता नहीं पालन
चाहिए ।
6 घर
में किसी भी प्रकार के वास्तु
दोष के निवारण
हेतु गंगाजल में
गौ मूत्र मिलाकर
छिड़काव करना चाहिए
।
7 सूर्य आपकी पत्रिका में यदि 5 वे घर
में हो तो
घर की पूर्वी
दीवार में रसोई
का बनाना अति
उत्तम होता हैं
।
8 सूर्य और बुध
आपकी पत्रिका में
कमजोर हो तो घर में पीतल
के बर्तनों का
अधिक उपयोग करना
हितकारी होता हैं
।
9 आपकी जन्म पत्रिका
में यदि चंद्र
अस्त हो तो शुद्ध चाँदी
रखना व माता की
सेवा करने से
आपका भाग्य उदय
होगा ।
10 आपकी जन्म
पत्रिका में यदि
मंगल अशुभ हो
तो कुमारी पूजन
करके उनका आशीर्वाद
लेने से स्वयं का घर
बनता हैं ।
11 आपकी जन्म पत्रिका
में यदि गुरु
7 वे घर में
हो तो घर
में लाल रंग
कभी नहीं करवाना
चाहिए ।
मित्रों ग्रह
अनुसार वास्तु
लेखमाला के 11 बिन्दुओ में
गागर में सागर
जैसी जानकारी आपके
लिए प्रस्तुत की
है उम्मीद करता
हूँ की यह
जानकारी वस्तुपरक विषय में
आपका मार्गदर्शन करेगी ।
।। जय
श्री कृष्ण ।।
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