नमस्कार दोस्तों
पुराने समय में जब मकान बनाया जाता था तब उसमे शौचालय का कोई स्थान नहीं होता था क्योकि उस समय शौचालय घर के बाहर बनाने की परम्परा होती थी लेकिन वर्तमान के परिवेश में शौचालय घर में ही बनाया जाता है और घर के बाहर शौचालय बनाने वाली परम्परा अब लगभग समाप्त हो चुकी है
वर्तमान में घर में एक या अधिक भी शौचालय बनाने का चलन भी है जो कि मकान मालिक अपनी जरूरत के हिसाब से रखते है ।
शौचालय घर का वो हिस्सा होता है जहाँ पर हम अपना मलमूत्र निष्काषित करते है । इसलिए यह स्थान हमेशा जीवाणु और कीटाणुओ का संगम स्थल होता है । इसलिए इसकी सफाई का विशेष ध्यान रखना पड़ता है अगर इसकी साफसफाई सही ढंग से नहीं होती है तो ये हमारे घर में नकारात्मक ऊर्जा बढ़ाने का स्थान हो जाता है इसलिए प्रतिदिन इसकी सफाई सही तरीके से होनी चाहिये ।
शौचालय की नकारात्मक ऊर्जा को समाप्त करने के लिए आप उसमे नमक से भरा हुवा एक कटोरा रख दे क्योकि नमक आपके शौचालय की नकारात्मक ऊर्जा को सोख लेगा और प्रतिसप्ताह इस कटोरे में रखा नमक बाहर फेंक कर नया नमक भर कर रख दे और शौचालय का दरवाजा यथासंभव बंद ही रखे इसके दरवाजे का उपयोग केवल अंदर जाने और बाहर आने के वक़्त ही करे जिससे घर में नकारात्मक ऊर्जा का प्रवेश न हो ।
शौचालय की नकारात्मक ऊर्जा से घर को बचाने की लिए शौचालय के दरवाजे के बाहर फर्श पर एक लाल रंग की पट्टी बनाये जो की टाइल्स की हो सकती है ।
। । जय श्री कृष्णा ।।
Hello friends,
In the olden days when the house was built then there was no place for the toilet because it was a tradition to make the toilets outside the house, but in the present environment, the toilets are built in the house and the tradition of building toilets outside the house is now Almost finished.
At present, there is a trend of building one or more toilets in the house which the landlords keep in mind for their needs.
The toilet is that part of the house where we expel our excretion. Therefore, this place is always the confluence of bacteria and insectuaries. Therefore, it needs to take special care to clean it if its cleaning is not done properly, then it is a place to increase negative energy in our house, so it should be cleaned properly every day.
To eliminate the negative energy of the toilet, you keep a bowl full of salt with it, as the salt will absorb the negative energy of your toilet and throw the salt in the bowl every week and keep the new salt filled and the door of the toilet is possible Keep it closed only by using its door only when it comes in and out of the house so that negative energy is not entered in the house.
To save the house from the negative energy of toilets, make a red strip on the floor outside the toilet door which can be of tiles.
।। Lord krishna ।।
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