मकर सक्रांति

नमस्कार मित्रो,

वर्ष 2019 के पहले त्यौहार मकर संक्रांति की आप सभी को हार्दिक शुभकामनाएं ।





1 सूर्य के एक राशि से दूसरी राशि में जाने को ही संक्रांति कहते हैं. एक संक्रांति से दूसरी संक्रांति के बीच का समय ही सौर मास है. एक जगह से दूसरी जगह जाने अथवा एक-दूसरे का मिलना ही संक्रांति होती है. हालांकि कुल 12 सूर्य संक्रांति हैं, लेकिन इनमें से मेष, कर्क, तुला और मकर संक्रांति प्रमुख हैं।




2 इस संक्रांति के दौरान सूर्य उत्तरायण  होते हैं यानी पृथ्‍वी का उत्तरी गोलार्द्ध सूर्य की ओर मुड़ जाता है।




3 इस साल मकर संक्रांति 15 जनवरी को है। दरअसल सूर्य का मकर राशि में प्रवेश 14 जनवरी की शाम 7 बजकर 50 मिनट पर हो रहा है। शास्त्रों के नियम के अनुसार रात में संक्रांति होने पर अगले दिन संक्रांति मनाई जाती है। इस नियम के अनुसार ही मकर संक्रांति 14 नहीं 15 जनवरी को मनाई जाएगी।


4 मकर संक्रांति के दिन पवित्र नदियों में स्नान किया जाता है या फिर घर पर भी सुबह नहाकर पूजा की जाती है. इस दिन भगवान सूर्य की पूजा-अर्चना की जाती है. इसी के साथ मकर संक्रांति के दिन पितरों का ध्यान और उन्हें तर्पण दिया जाता है.


5 संक्रांति के पुण्य काल की जहां तक बात है तो नियम यह है कि संक्रांति से 6 घंटे पहले और बाद तक पुण्यकाल होता है इसलिए 14 जनवरी को 1 बजकर 26 मिनट से संक्रांति का स्नान दान किया जा सकेगा। सूर्य के उदया तिथि के नियामानुसार 15 जनवरी को भी ब्रह्ममुहूर्त से पूरे दिन संक्रांति का स्नान दान किया जा सकेगा।


6 ज्योतिषशास्त्र में सोमवार को संक्रांति होने पर उस सक्रांति को ध्वांक्षी संक्रांति का नाम दिया जाता  हैं। सूर्य का प्रवेश चूंकि सोमवार की शाम में ही मकर राशि में हो रहा है इसलिए यह मकर संक्रांति ध्वांक्षी संक्रांति कहलाएगी। इस संक्रांति में दान का बड़ा महत्व बताया है। इस संक्रांति में किया गया दान लोक-परलोक दोनों में ही सुख और समृद्धि प्रदान करता है।


7 सक्रांति अवसर पर स्नान के बाद काले कंबल, ऊनी वस्त्र, जूते, भूमि, स्वर्ण, अन्न का दान कर सकते हैं। इस अवसर पर धार्मिक पुस्तकों का दान भी बहुत पुण्यदायी माना गया है, आप अपनी श्रद्धा के अनुसार हमारे पवित्र ग्रन्थ जैसे श्री रामायण या श्रीमद्भागवत गीता आदि  का दान योग्य व्यक्ति को  कर सकते हैं।


8 मकर राशि में सूर्य का प्रवेश आमतौर पर सभी के लिए शुभ प्रभाव देता है लेकिन अभी इस राशि में केतु विराजमान है इसलिए मकर राशि में सूर्य का आगमन मिलाजुल फल देगा। मकर राशि में सूर्य के आगमन से तुला, मिथुन और कुंभ राशि वालों को कष्ट हो सकता है। वैसे तुला राशि वालों को इस संक्रांति से भूमि-भवन और धन का लाभ भी मिल सकता है। धनु राशि वाले बीते 1 महीने से चली आ रही परेशानी से कुछ राहत महसूस करेंगे।
 
                          ।। जय श्री कृष्ण ।।

एक टिप्पणी भेजें

0 टिप्पणियाँ