घर की आय निकालना

घर की आय

वास्तु शास्त्र में घर की आय बहुत महत्वपूर्ण होती है। घर की आय यदि वास्तु शास्त्र सम्मत है तो उस घर में रहने वालों को उत्तम फल की प्राप्ति होती रहती है।

यदि आप नया घर बनाने के लिए भूमि खरीद रहे हो या बना बनाया मकान खरीद रहे हो तो सबसे पहले उस भूमि या घर की आय निकालना बहुत आवश्यक होता हैं।

घर की आय निकालने का तरीका

भूमि की लंबाई और चौड़ाई ज्ञात करे फिर लंबाई और चौड़ाई के अनुसार उसका क्षेत्रफल निकाले फिर उस गुणन फल में 8 का भाग देवे । जो अंक शेष बचता हैं उसको आय कहते हैं।

आय 8 प्रकार की होती है जो निम्नलिखित है;-

1 ध्वज आय

2 धूम आय

3 सिंह आय

4 श्वान आय

5 वृष आय

6 गदर्प आय

7 गज़ आय

8 धवांक्ष आय

उदहारण के लिए किसी भूमि की लंबाई 30 वर्गफुट और चौड़ाई 15 वर्गफुट है तो उसकी आय निकालने के लिए लंबाई और चौड़ाई को आपस में गुणा करके उसमें 8 का भाग देते है तो शेष में 2 बचता है अतः इस भूमि की आय 2 यानि धूम आय कहलायेगी जो की सर्वथा अशुभ होती है।

सम आय अशुभ और विषम आय शुभ होती है।

वर्ण व्यवस्था के अनुसार सुभा सुभ आय

ब्राह्मणों के लिए ध्वज आय शुभ होती है।

क्षत्रियों के लिए सिंह आय सुभ होती है।

वैश्य के लिए वृष आय सुभफल दायक रहती हैं।

शुद्र के लिए गज़ आय सुभत्व प्रदान करती है।

धूम,श्वान,गदर्प और धवांक्ष आय किसी के लिए सुभ नहीं होती है। इस प्रकार की आय में रहने वालों को अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। बीमारी,अकाल मृत्यु का भय और संतति की बाधा आदि अनेक कष्टो को भोगना पड़ता है।

इसके विपरीत ध्वज,सिंह,वृष और गज़ आय के वास्तु में रहने वालों को हमेशा सुभ फलों की प्राप्ति होती रहती है। सामाजिक प्रतिष्ठा में वृद्धि, व्यापार में वृद्धि, संतति में उत्तरोत्तर वृद्धि और शत्रुबाधा का अपने आप निवारण आदि सुभत्व की प्राप्ति होती है।

इसी विषय का वीडियो आचार्य एस्ट्रो एंड वास्तु youtube channel में पोस्ट किया गया है जो यहाँ पर भी पोस्ट किया जा रहा है।

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