लग्न में राहु का फल
वैदिक ज्योतिष में राहु एक छाया ग्रह माना गया है। यह भौतिकता, भ्रम, लालसा, विदेशी वस्तुओं, रहस्यमय ज्ञान, छल-कपट, अपार सफलता अथवा अचानक संकट देने वाला ग्रह है। राहु जिस भाव और लग्न में स्थित होता है, वहां की फलप्राप्ति असामान्य ढंग से होती है। आइए जानते हैं सभी 12 लग्नों में राहु के प्रभाव –
1. मेष लग्न
मेष लग्न में राहु का स्थान व्यक्ति को महत्वाकांक्षी, तेज दिमाग वाला और जोखिम उठाने वाला बनाता है। यदि राहु शुभ प्रभाव में हो तो नेतृत्व क्षमता और विदेश से लाभ मिलता है। अशुभ स्थिति में व्यक्ति क्रोधी, अस्थिर और दुर्घटनाओं का शिकार हो सकता है।
2. वृषभ लग्न
वृषभ लग्न में राहु व्यक्ति को भौतिक सुख, धन और भोग-विलास की ओर आकर्षित करता है। यह लग्न में राहु कई बार व्यक्ति को कला, संगीत या व्यापार में अचानक सफलता दिलाता है। नकारात्मक होने पर राहु लालच, असंतोष और वैवाहिक जीवन में तनाव देता है।
3. मिथुन लग्न
मिथुन लग्न में राहु व्यक्ति को बुद्धिमान, वक्ता, लेखक और चतुर बनाता है। मीडिया, संचार, तकनीकी क्षेत्र में सफलता मिलती है। लेकिन राहु यदि पाप प्रभाव में हो तो व्यक्ति छल-कपट, झूठ और मानसिक अस्थिरता का शिकार हो जाता है।
4. कर्क लग्न
कर्क लग्न में राहु व्यक्ति को रहस्यमयी, कल्पनाशील और संवेदनशील बनाता है। यह धार्मिक यात्रा, विदेशी संबंध और आध्यात्मिकता की ओर ले जा सकता है। परंतु अशुभ राहु गृहकलह, मानसिक तनाव और माँ से दूरी का कारण बन सकता है।
5. सिंह लग्न
सिंह लग्न में राहु व्यक्ति को प्रसिद्धि, शक्ति और राजनीति में सफलता देता है। राहु यहाँ महत्वाकांक्षाएँ बढ़ाता है और व्यक्ति बड़े कार्य करने की सोच रखता है। लेकिन गलत दिशा में गया तो घमंड, सत्ता का दुरुपयोग और शत्रु बढ़ाता है।
6. कन्या लग्न
कन्या लग्न में राहु व्यक्ति को शोध, विश्लेषण और तकनीकी क्षेत्र में विशेष बनाता है। यहाँ राहु रहस्य, ज्योतिष, तंत्र-मंत्र में भी रुचि देता है। परंतु पाप प्रभाव में यह स्वास्थ्य समस्याएँ, आलोचना और कार्यस्थल पर शत्रु उत्पन्न करता है।
7. तुला लग्न
तुला लग्न में राहु व्यक्ति को आकर्षक व्यक्तित्व, कूटनीति और विदेश में सफलता प्रदान करता है। विवाह या साझेदारी से लाभ मिलता है। नकारात्मक होने पर राहु वैवाहिक जीवन में धोखा, संबंधों में छल और अस्थिरता लाता है।
8. वृश्चिक लग्न
वृश्चिक लग्न में राहु व्यक्ति को गुप्त विद्या, राजनीति और रहस्यमयी शक्ति प्रदान करता है। यह लग्न जातक को तेज बुद्धि और रणनीतिक बनाता है। परंतु नकारात्मक राहु दुर्घटना, शारीरिक रोग और शत्रुओं से कष्ट दिलाता है।
9. धनु लग्न
धनु लग्न में राहु व्यक्ति को धार्मिकता की आड़ में भौतिकता की ओर ले जाता है। उच्च शिक्षा, दर्शन और विदेश यात्रा से लाभ दिलाता है। परंतु अशुभ राहु ढोंग, पाखंड और गुरु या धर्म से विवाद उत्पन्न करता है।
10. मकर लग्न
मकर लग्न में राहु व्यक्ति को कर्मठ, महत्वाकांक्षी और प्रबंधन में कुशल बनाता है। करियर में अचानक उन्नति, राजनीति या प्रशासन में पद मिलता है। परंतु अशुभ राहु लोभ, चालाकी और कानूनी परेशानियाँ देता है।
11. कुंभ लग्न
कुंभ लग्न में राहु मित्रों का सहयोग, समाजसेवा और नई खोजों में सफलता देता है। जातक को असामान्य सोच और बड़े समूहों में पहचान मिलती है। अशुभ होने पर राहु मित्रों से धोखा, आर्थिक हानि और गलत संगति देता है।
12. मीन लग्न
मीन लग्न में राहु व्यक्ति को रहस्य, अध्यात्म और परोपकार की ओर प्रेरित करता है। यह कल्पनाशक्ति, कला और ध्यान में गहरी रुचि देता है। लेकिन पाप प्रभाव में यह मानसिक भ्रम, व्यसन और आस्था में डगमगाहट लाता है।
निष्कर्ष
राहु का प्रभाव हमेशा सीधा-सपाट नहीं होता। यह जिस भाव, राशि और ग्रह के साथ बैठा है, उसी अनुसार शुभ-अशुभ परिणाम देता है। राहु व्यक्ति को अचानक ऊँचाई पर पहुँचा सकता है या अचानक संकट में भी डाल सकता है। इसलिए राहु की सही व्याख्या केवल कुंडली के सम्पूर्ण अध्ययन से ही संभव है।
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