नमस्कार दोस्तों
मैने यह ब्लॉग ज्योतिष और वास्तु विज्ञान आप लोगो की जानकारी के लिए शुुुरु किया है कृपया मेरे इस ब्लॉग आप लोग प्रतिदिन पधारे आपका यहाँ स्वागत हेैं और आपको हमेशा यहाँ कुछ नवीनतम जानकारी हासिल होगी सर्वप्रथम मै आपको ग्रहो के राजा सूर्य के विषय पर जानकारी देने का प्रयास करूँगा ।
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सूर्य ग्रह एक प्रबल ग्रह है इसका प्रत्येक मनुष्य केे जीवन पर गहरा असर पड़ता है
सूर्य आत्मा,सुवर्णभूषण तथा तांबा का कारक माना गया है ।
सूर्य ग्रह पिता का प्रतिनिधि माना गया हैं ।
सूर्य को सिंह राशि का अधिपति माना गया हैं ।
सूर्य ह्रदय का कारक भी होता है ।
सूर्य के चंद्र,मंगल और गुरु मित्र होते हैं जबकि इनका स्वयं का पुत्र शनि और शुक्र शत्रु होते है । बुध ग्रह न ही शत्रु न ही मित्र केवल सम भाव रखता है । यह सदैव सूर्य के आसपास ही रहता हैं ।
सूर्य का नक्षत्र कृतिका होता हैं । सूर्य का रत्न माणिक्य होता हैं जिसे स्वर्ण धातु की अंगूठी में पहना जाता है ।
सूर्य एक प्रत्यक्ष देवता हैं जिनके दर्शन मात्र से नयी ऊर्जा का संचार होता हैं ।
सूर्य जब उदय होता हैं तो पूरी सृष्टि को प्रकाशित करता है और जब अस्ताचल में प्रवेश करता है तो चहु और अँधियारा हो जाता हैं ।
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