वृषभ लग्न की कुंडली के योग कारक एवं मारक ग्रह


नमस्कार मित्रो,

आज हम वृषभ लग्न की कुंडली के योग कारक एवं मारक ग्रह कोनसे होते हैं इसकी जानकारी प्राप्त करेंगे 

मित्रो यह लेख माला मेष राशि से शुरू हुई हैं जो की मीन राशि तक चलेगी आप नियमित सभी लेखमालाओ का अध्यन करते रहे जिससे आपको आपकी कुंडली के बारे में यथसंभव जानकारी हो जायेगी

वृषभ लग्न की कुंडली में शुक्र लग्नेश होता है इसलिए सर्वाधिक योगकारक ग्रह बन जाता है जीवन पर्यन्त आपको इसकी कृपा मिलती रहेगी चाहे यह कुंडली के किसी भी घर में बैठा हो

वृषभ लग्न की कुंडली में बुध पंचमेश होता है यानि 5वे घर का मालिक होता हैं इसलिए बुध की कृपा भी जातक पर जीवन पर्यन्त बनी रहेगी अतः बुध भी वृषभ लग्न की कुंडली का योगकारक ग्रह बन जाता हैं 

वृषभ लग्न की कुंडली में  चंद्रमा  तीसरे घर का अधिपति होता है यानि तीसरे  घर का मालिक होता हैं इसलिए चंद्रमा की कृपा भी जातक पर जीवन पर्यन्त बनी रहेगी अतः चंद्रमा  भी वृषभ लग्न की कुंडली का योगकारक ग्रह बन जाता हैं

वृषभ लग्न की कुंडली में  शनि को त्रिकोण में 9वे और 10वे घर में स्थान मिलता  है यानि शनि महाराज 9वे और 10वे  घरो के  मालिक होते हैं इसलिए शनि की कृपा भी जातक पर जीवन पर्यन्त बनी रहेगी अतः शनि भी वृषभ लग्न की कुंडली का योगकारक ग्रह बन जाता हैं

वृषभ लग्न की कुंडली में मंगल सप्तमेश होकर लग्नेश शुक्र का अतिशत्रु हो जाता है यानि  मंगल 7वे घर का मालिक होता हैं इसलिए  लग्नेश से शत्रुता होने के कारण मंगल अतिमारक ग्रह बन जाता हैं

वृषभ लग्न की कुंडली में बुध  और शुक्र  दोनों ही ग्रह जातक के जीवन पर्यंत अनुकूल ही रहेंगे चाहे वे कुंडली में कही पर भी बैठें हो जातक को अपने सकारात्मक परिणाम ही देंगे

वृषभ लग्न की कुंडली के जातक को भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की उपासना एवं इनके मंदिर जाना आदी दैनिक करना चाहिए जिससे भगवान गणेश जी और माता लक्ष्मी जी की कृपा निरंतर मिलती रहे

मंगल और गुरु जो की वृषभ लग्न की कुंडली में अतिमारक बन बैठे है उसका उपाय किसी योग्य ज्योतिषी से परामर्श करके करते रहना चाहिए


                                                     ।। जय श्री कृष्णा ।।

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9 टिप्पणियाँ

  1. इस लग्न में सूर्य लग्न में 2री घर में मिथुन राशि में बुध 3री घर में कर्क राशि में चन्द्र शुक्र है 6थी घर में तुला राशि में गुरु राहु है और 10वे घर में कुंभ राशि में शनि है 12वे घर में मंगल केतु मेष राशि में बैठा है इसमें क्या शुभ हो सकता है क्या अशुभ कुछ बताइए
    7007242426 कॉन्टेक्ट no
    9517110562 वॉट्सएप no

    कोई ज्ञानी जन उत्तर अवश्य दे
    14/06/1994
    5बजे सुबह जन्म स्थान कन्नौज यूपी

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  2. मंगल धन को खर्च करेंगे बीमारी आदि में

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    1. मतलब मंगल केतु मेष राशि है ये अच्छे परिणाम नहीं देंगे

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  3. bani ke kark bani me hai matlab dhan ka kami nahi hoga mera no.8700985405 aur 9811845437 hai sampark kare

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