सिंह लग्न के योगकारक और मारक ग्रह(Hindi and English)

सिंह लग्न के योगकारक और मारक ग्रह









आज हम बात करेंगे सिंह लग्न के योगकारक और मारक ग्रहों  की राशियां और उनके ग्रहों के बारे में

सिंह लग्न की कुंडली के पहिले घर में सिंह राशि विधमान होती हैं जिसके अधिपति सूर्य होते है अतः इस कुण्डली में सूर्य लग्नेश होता हैं

सिंह लग्न की कुण्डली में दूसरे घर में कन्या  राशि विधमान होती हैं जिसके अधिपति बुध होते हैं बुध की सूर्य से मित्रता  होने के कारण सूर्य  सिंह  लग्न की कुण्डली में योगकारक ग्रह बन जाते हैं

सिंह लग्न की कुण्डली में तीसरे घर में तुला  राशि  विधमान होती हैं जिसके अधिपति  शुक्र होते हैं शुक्र की सूर्य से शत्रुता होने के कारण शुक्र सिंह  लग्न की कुण्डली में मारक ग्रह बन जाते हैं

सिंह लग्न की कुण्डली में  चौथे घर में वृश्चिक  राशि विधमान होती हैं जिसके अधिपति  मंगल  होते हैं  मंगल  सिंह लग्न की कुण्डली में योगकारक ग्रह बना  हैं

सिंह लग्न की कुण्डली में पांचवे घर में धनु राशि विधमान होती हैं जिसके अधिपति  बृहष्पति  होते हैं बृहष्पति  पंचमेश  होने के कारण सिंह लग्न की कुण्डली में अति योगकारक ग्रह बनता हैं

सिंह लग्न की कुण्डली में छ्ठे घर में मकर  राशि विधमान होती हैं जिसके अधिपति  शनि  होते हैं शनि सूर्य से शत्रुता रखते हैं अतः सिंह  लग्न की कुण्डली में शनि मारक  ग्रह बन जाता हैं

सिंह लग्न की कुण्डली में सातवे  घर में कुम्भ राशि विधमान होती हैं जिसके अधिपति  शनि  होते हैं शनि सूर्य से शत्रुता रखते हैं अतः सिंह  लग्न की कुण्डली में शनि मारक  ग्रह बन जाता हैं

सिंह लग्न की कुण्डली में आंठवें घर में मीन राशि  विधमान होती हैं  जिसके अधिपति  बृहष्पति होते हैं बृहष्पति   की सूर्य  से मित्रता  होने  के कारण  बृहष्पति  सिंह लग्न की कुण्डली में योगकारक ग्रह बन जाता हैं

सिंह लग्न की  कुण्डली  में नवम घर में मेष  राशि  विधमान होती हैं जिसके अधिपति  मंगल  होते हैं त्रिकोण के मालिक   होने  के  कारण मंगल  सिंह  लग्न की कुण्डली में योगकारक ग्रह बन जाता हैं

सिंह लग्न की कुण्डली में दसवें  घर में वृष  राशि  विधमान होती हैं जिसके अधिपति  शुक्र  होते हैं शुक्र  की सूर्य से शत्रुता होने के कारण शुक्र सिंह लग्न की कुण्डली में मारक ग्रह बन जाता  हैं

सिंह लग्न की कुण्डली में इग्यारवे  घर में मिथुन  राशि  विधमान होती हैं जिसके अधिपति  बुध होते हैं बुध की सूर्य से मित्रता  होने के कारण बुध  सिंह लग्न की कुण्डली में योगकारक  ग्रह बन जाता हैं

सिंह लग्न की कुण्डली में बारहवे घर में कर्क  राशि  विधमान होती हैं जिसके अधिपति  चंद्र होते हैं चंद्र को व्यय स्थान मिलने के कारण  चंद्र   सिंह लग्न की कुण्डली में   मारक ग्रह बन जाता हैं

मित्रो, मैंने  आपको सिंह लग्न की कुण्डली के सभी बारह घरो की रशिया और उनके अधिपति ग्रहों के बारे में ज्योतिषीय  जानकारी  दी  है  और  लग्नेश  सूर्य  के साथ उनकी मित्रता व् शत्रुता का भी विवेचन किया हैं जिससे की सिंह लग्न की कुण्डली के जातकों को अपनी कुण्डली के योग कारक एवं मारक ग्रहों की जानकारी मिल सके

जैसे की मै पहले भी बता चुका हूं कि योगकारक ग्रह आपकी कुण्डली में कही पर भी बैठें हो आपको हमेशा सकारात्मक परिणाम ही देंगे और आपको जीवन में उन्नति की ओर अग्रसर करेगे जबकि मारक ग्रह इसके विपरीत परिणाम देंगे आपकी उन्नति में रूकावट पैदा करेंगे

मारक ग्रहों के उपाय हेतु योग्य ज्योतिषी को अपनी कुण्डली दिखाकर उसके दिशा निर्देशों के अनुसार उन ग्रहो के दान पुण्य करके  उनकी मारक क्षमता को कम किया जा सकता हैं


                               ।। जय श्री कृष्ण ।।





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