नमस्कार
दोस्तों,
आज
का विषय सकारात्मक
ऊर्जा एवम नकारात्मक
ऊर्जा के है ।
अक्सर
आपने देखा या
महसुस किया होगा
कि हम किसी
के घर पर
जाते है तो
हमारा मन वह
पर अधिक देर
तक रुकने का
हो जाता हे
और हम वहा
पर अत्यधिक समय
तक बैठे रहते
है इसके विपरीत
कई घर ऐसे
भी होते हे
जहा पर जाते
ही हमारा मन
उखड जाता है
और हम वहाँ
से जल्दी भागने
की कोशिश करते
है ।
जहाँ
पर अधिक देर
तक बैठने का
मन करता है वहाँ पर
सकारात्मक ऊर्जा का संचार
होता है जिसे
हमारा आभा मंडल (
aura ) भलीभांति महसूस करता है
जिस प्रकार पहले
छत पर लगे
हुवे antenna से हमारा
टेलीविज़न चलता था
छत पर लगा
हुवा antenna
तरंगे catch करके हमारे
टेलीविज़न को भेजता
था और हमें
साफ सुथरी तस्वीर
दिखता था ठीक
उसी प्रकार हमारा
आभा मण्डल भी
antenna की तरह ही
काम करता है
और हमारे शरीर
को सकारात्मक एवं
नकारात्मक ऊर्जा का संकेत
भेजता है ।
हम
जिस जगह बैठे
हे वहाँ की
ऊर्जा सकारात्मक हे
या नकारात्मक है इसी का
आभाष करता है
हमारा आभा मंडल
यदि ऊर्जा सकारात्मक
होगी तो हमारा
मन अधिक समय
तक वहाँ रहने
या बैठने का
करेगा और इसके
विपरीत यदि ऊर्जा
नकारात्मक होगी तो
हमारा मन कुछ
पल के लिए
भी वहाँ नहीं
टिकेगा और वहाँ
से उखड जायेगा
और उस स्थान
को छोडने की
बाद ही हमें
अच्छा मह्सूस होगा ।
वास्तु
विज्ञान में इस
बात का जानना
अतिआवश्यक हो जाता
है की आप
जिस मकान का
निर्माण कराने जा रहे
है उस जगह
की ऊर्जा का
स्तर कैसा है
सकारात्मक या नकारात्मक
क्योकि जैसी ऊर्जा
होगी वैसा ही
आप पर उसका
प्रभाव पड़ेगा ।
सकारात्मक
ऊर्जा के वास्तु
में निवास करने
वालों के घर
में सुख शांति
का माहौल बना
रहता है और
वहाँ पर देव
पूजन स्वाध्याय शास्त्रोक्त
संस्कार आदि कार्य
समयानुसार होते रहते
है धन सम्पदा
की कमी नहीं
रहती है ।
नकारात्मक
ऊर्जा के वास्तु
में निवास करने
वालों के घर
में सुख शान्ति
का सदैव आभाव
रहता है आपसी
कलह का वातावरण
बना रहता है
शास्त्रोक्त संस्कार आदि कार्य
या तो होते
नहीं है और
यदि होते है
तो उनमें विघ्न
बाधा आ जाती
है और वह
कार्य समयानुसार नहीं होता
है धन का
आभाव सदैव बना
रहता है जीवन
का प्रत्येक कार्य
कर्ज लेकर करना
पड़ता है।
इसलिए हमेशा अपने वास्तु को सकारात्मक बनाने का सतत प्रयास करना चाहिए और नकारात्मकता के उन्मूलन के उपाय करते रहना चाहिए ।
।। जय श्री कृष्ण ।।
2 टिप्पणियाँ
Gyanvardhak
जवाब देंहटाएंdhanywad
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