नमस्कार दोस्तों
आज हम शुक्र ग्रह से सम्बंधित कुछ जानकारियों और वास्तु से शुक्र मंदा होने का विवेचन करेंगे ।
शुक ग्रह को हम सुबह का तारा नाम से भी जानते और सूर्य , चंद्रमा की तरह इसको हम पृथ्वी से देख सकते हैं ।
शुक्र ग्रह स्त्रीलिंग ग्रह हैं परंतु स्त्रियों के लिए यह पुलिंग का काम करता हैं और पुरुषों के लिए स्त्रीलिंग का काम करता है माता लक्ष्मी और दैत्य गुरु शुक्राचार्य की आराधना करने से शुक्र ग्रह प्रबल हो जाता हैं ।
शुक्र ग्रह यदि अच्छी स्तिथि में होगा तो जातक ऐश्वर्य से युक्त जीवन जीता है । परिकल्पना से भी बेहतरीन जीवन साथी मिलता हैं । अच्छे लिबास अच्छा खानपान जीवन की हर सुख सुविधा से सम्पन होता है।
इसके विपरीत नीच शुक्र वाला जातक जीवन की हर सुख सुविधा से वंचित रहता है। जीवन साथी का आभाव और धन आदि का आभाव भी रहता हैं । आर्थिक संकट हर समय बना रहता है । बीमारी भी लगी रहती हैं ।
कई बार यह भी देखा गया है कि जातक उच्च शुक्र को भी अपनी गतिविधियों से नीच कर लेता है । वह कुछ ऐसे काम करता हैं जिसके परिणाम स्वरूप शुक्र मंदा हो जाता है ।
शुक्र को मंदा करने वाले कारन :- 1 जब राहु शुक्र एक साथ एक ही भाव में बैठ जाते हैं तो शुक्र मंदा हो जाता है । शनि नीच का होकर शुक्र को मंदा ही करता हैं ।
2 घर की दक्षिण-पूर्वी दिशा में वास्तु नियमो के विरुद्ध निर्माण कार्य करवाने पर भी शुक्र मंदा हो जाता हैं।
3 घर में उपयोग किये जाने वाले रंगों में चॉकलेटी रंग का ज्यादा उपयोग करने पर भी शुक्र मंदा हो जाता है ।जिसके कारण आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है ।
4 घर में किचन और बेडरूम साथ साथ होना या वास्तु सम्मत नहीं होने पर भी शुक्र खराब हो जाता है ।
5 अपनी स्त्री का या गृह स्वामिनी का सम्मान नहीं करने पर या अपनी स्त्री को त्याग कर अपमानित कर परायी स्त्रियों से सम्बन्ध बनाने पर भी शुक्र मंदा हो जाता हैं ।
6 सब कुछ होते हुवे भी जानबूझकर फटे पुराने वस्त्रो का उपयोग करने पर भी शुक्र मंदा हो जाता है ।
जब शुक्र मंदा होने लगता है तो अपने लक्षण भी प्रकट करता है जैसे अंगूठे में दर्द रहना, त्वचा सम्बन्धी रोग होना और कफ का विकार होना, यौन रोग होना या लगातार बने रहना आदि ।
उपाय :- माता लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए और शुक्र के मंत्रों का जाप करना चाहिए और शुक्रवार का व्रत नियम पूर्वक करना चाहिए यदि फिर भी स्तिथि में सुधार नहीं हो तो अच्छे योग्य ज्योतिषी की मदद से उसके द्वारा बताये गए उपाय और अनुष्ठान आदि करने से मंदे शुक्र को प्रबल किया जा सकता है ।
।। जय श्री कृष्ण ।।
आज हम शुक्र ग्रह से सम्बंधित कुछ जानकारियों और वास्तु से शुक्र मंदा होने का विवेचन करेंगे ।
शुक ग्रह को हम सुबह का तारा नाम से भी जानते और सूर्य , चंद्रमा की तरह इसको हम पृथ्वी से देख सकते हैं ।
शुक्र ग्रह स्त्रीलिंग ग्रह हैं परंतु स्त्रियों के लिए यह पुलिंग का काम करता हैं और पुरुषों के लिए स्त्रीलिंग का काम करता है माता लक्ष्मी और दैत्य गुरु शुक्राचार्य की आराधना करने से शुक्र ग्रह प्रबल हो जाता हैं ।
शुक्र ग्रह यदि अच्छी स्तिथि में होगा तो जातक ऐश्वर्य से युक्त जीवन जीता है । परिकल्पना से भी बेहतरीन जीवन साथी मिलता हैं । अच्छे लिबास अच्छा खानपान जीवन की हर सुख सुविधा से सम्पन होता है।
इसके विपरीत नीच शुक्र वाला जातक जीवन की हर सुख सुविधा से वंचित रहता है। जीवन साथी का आभाव और धन आदि का आभाव भी रहता हैं । आर्थिक संकट हर समय बना रहता है । बीमारी भी लगी रहती हैं ।
कई बार यह भी देखा गया है कि जातक उच्च शुक्र को भी अपनी गतिविधियों से नीच कर लेता है । वह कुछ ऐसे काम करता हैं जिसके परिणाम स्वरूप शुक्र मंदा हो जाता है ।
शुक्र को मंदा करने वाले कारन :- 1 जब राहु शुक्र एक साथ एक ही भाव में बैठ जाते हैं तो शुक्र मंदा हो जाता है । शनि नीच का होकर शुक्र को मंदा ही करता हैं ।
2 घर की दक्षिण-पूर्वी दिशा में वास्तु नियमो के विरुद्ध निर्माण कार्य करवाने पर भी शुक्र मंदा हो जाता हैं।
3 घर में उपयोग किये जाने वाले रंगों में चॉकलेटी रंग का ज्यादा उपयोग करने पर भी शुक्र मंदा हो जाता है ।जिसके कारण आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है ।
4 घर में किचन और बेडरूम साथ साथ होना या वास्तु सम्मत नहीं होने पर भी शुक्र खराब हो जाता है ।
5 अपनी स्त्री का या गृह स्वामिनी का सम्मान नहीं करने पर या अपनी स्त्री को त्याग कर अपमानित कर परायी स्त्रियों से सम्बन्ध बनाने पर भी शुक्र मंदा हो जाता हैं ।
6 सब कुछ होते हुवे भी जानबूझकर फटे पुराने वस्त्रो का उपयोग करने पर भी शुक्र मंदा हो जाता है ।
जब शुक्र मंदा होने लगता है तो अपने लक्षण भी प्रकट करता है जैसे अंगूठे में दर्द रहना, त्वचा सम्बन्धी रोग होना और कफ का विकार होना, यौन रोग होना या लगातार बने रहना आदि ।
उपाय :- माता लक्ष्मी की आराधना करनी चाहिए और शुक्र के मंत्रों का जाप करना चाहिए और शुक्रवार का व्रत नियम पूर्वक करना चाहिए यदि फिर भी स्तिथि में सुधार नहीं हो तो अच्छे योग्य ज्योतिषी की मदद से उसके द्वारा बताये गए उपाय और अनुष्ठान आदि करने से मंदे शुक्र को प्रबल किया जा सकता है ।
।। जय श्री कृष्ण ।।
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