आस माता के व्रत की कथा

नमस्कार मित्रो ,

आज 05 मार्च 2018 को आस चौथ का व्रत है आज मै  आस माता के व्रत की कथा  आप सभी को बता रहा हूँ इस व्रत को केवल महिलाये ही कर सकती हैं अतः सभी माताओ और बहनो से मेरा आग्रह है की आप इस लेख को पढ़कर आस माता का व्रत स्वयं भी  करे और अन्यो को भी इससे अवगत करावे

एक समय की बात है  एक नगर में एक जुआरी रहता था वह जब भी जुवे में जीतता या हारता था उसके तुरंत बाद अपने घर पर ब्राह्मणो को भोजन करवाता था एक बार वह सब कुछ हार  गया फिर भी उसने ब्राह्मणो को भोजन करवाया इस पर उसकी भाभियाँ उससे नाराज़ हो गयी और उसे घर से निकल दिया

घर से निकाले  जाने के बाद वह भटकता हुवा एक जंगल में एक पेड़ के निचे सो गया जब उसकी आंख खुली तो उसने  कुछ दुरी पर खड़ी  हुयी चार देवियो को देखा और उनको प्रणाम किया उन चारो देवियो ने उसके प्रणाम  को स्वीकार किया और आपस में चर्चा करने लगी की उसने हम चारो में से किसको प्रणाम किया है  तो वे देवियाँ  उसके सामने आकर बारी बारी से पूछने लगी की तुमने किसको प्रणाम किया

पहली देवी उसके सामने आयी और पूछा की तुमने किसको प्रणाम किया तो उसने उस देवी का नाम पूछा तो देवी ने अपना नाम भुखमाता  बताया तो उसने कहा की में घर से निकलने के बाद अबतक भूखा ही हूँ मैने आपको प्रणाम नहीं किया

दुसरी  देवी उसके सामने आयी और पूछा की तुमने किसको प्रणाम किया तो उसने उस देवी का नाम पूछा तो देवी ने अपना नाम प्यासमाता बताया तो उसने कहा की में घर से निकलने के बाद अबतक प्यासा  ही हूँ मैने आपको प्रणाम नहीं किया

तीसरी  देवी उसके सामने आयी और पूछा की तुमने किसको प्रणाम किया तो उसने उस देवी का नाम पूछा तो देवी ने अपना नाम नींदमाता बताया तो उसने कहा की में घर से निकलने के बाद अबतक नींद में ही था  मैने आपको प्रणाम नहीं किया

चौथी देवी उसके सामने आयी और पूछा की तुमने किसको प्रणाम किया तो उसने उस देवी का नाम पूछा तो देवी ने अपना नाम आसमाता बताया तो उसने कहा की मैने  आपको ही प्रणाम किया था मै आस के सहारे ही जीवन यापन कर रहा हूँ  यह सुनकर आसमाता उसपर प्रसन हो जाती हैं और उसे राजा बनने का वरदान देती हैं

कुछ समय बाद वह घूमते घूमते दूसरे नगर में पहुँच जाता है उस नगर का राजा जुवा खेलने का शौकीन होता है वह नगर में ढिढोरा पिटवाता है की यदि कोई उसे जुवे में हरा दे तो वो उसे सारा राजपाठ दे देगा  यह सुनकर वह भी आस के सहारे राजा से जुवा खेलने चला जाता हैं

आस माता की कृपा और उसको  दिए गए वरदान के कारण  वह राजा को जुवे में हरा देता है और राजा भी अपने वचन को निभाने के लिए अपना सारा राजपाठ उसको सौप देता

हे आसमता जैसे अपने उस जुआरी को राजा बनाकर उसकी किस्मत चमकाई वैसी ही आस हम सब की पूरी करना  आसमता की जय हो

कथा सुनने वाले अपने हाथ में सात दाने गेहूँ के रखे और कथा के बीच में हुंकारा देते रहना चाहिए




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