चंद्र ग्रह

नमस्कार मित्रो,
आज की इस लेखमाला में हम चंद्र  ग्रह के बारे में सामान्य ज्योतिषीय जानकारी प्राप्त करेंगे। 




चन्द्र देवता हैं। चंद्र  को सोम के नाम से भी जाना जाता है और उन्हें वैदिक देवता सोम के साथ पहचाना जाता है। उन्हें जवान, सुंदर, गौर, दिबाहु  के रूप में वर्णित किया गया है और उनके हाथों में एक मुगदर और एक कमल रहता है। वे हर रात पूरे आकाश मार्ग में भरमण  करते हुवे अपना रथ  चलाते हैं। जिसको  दस सफेद घोड़ो के द्वारा खींचा जाता है। चंद्र  जनन क्षमता के देवताओं में से एक हैं। उन्हें निषादिपति भी कहा जाता   है। सोमवार के स्वामी हैं। वे सत्व गुण वाले हैं और मन, माता का प्रतिनिधित्व करते हैं।

चंद्र ग्रह प्रभाव के लक्षण

1  जुखाम, पेट की बीमारियों से अत्यधिक परेशान रहना। 
2 अकारण शत्रुओं का बढ़ना। 
3 निरंतर धन का हानि होना। 

चंद्र ग्रह दोष के उपाय:

1 सोमवार का व्रत नियम पूर्वक करे। 
2 भगवान शिव का अभिषेक दुध की अखण्ड धारा से  करें।
3 ऊं नम शिवाय मंत्र का रूद्राक्ष की माला से जाप करें।
4 यथासंभव बड़े बुजुर्गों, ब्रह्मणों, गुरूओं का आशीर्वाद लिया करे। 
5 सोमवार को सफेद कपड़े में मिश्री बांधकर जल में प्रवाहित करें।
6 चांदी की अंगूठी में चार रत्ती का मोती सोमवार को  धारण करें।
7 शीशे की गिलास में कभी भी दूध और पानी नहीं पिए। 
8 लाल रंग का रूमाल हमेशा जेब में रखें।
9 यथासंभव अपनी माता की सेवा करे। 
10 चंद्र मन्त्र का जाप करे। 

चन्द्रमा का मंत्र:

वैदिक मन्त्र -ऊं सोम सोमाय  नमः। 

तान्त्रिक मंत्रऊं श्रां श्रीं श्रौं : चंद्रमसे नम: |

उपाय हेतु योग्य ज्योतिषी को अपनी कुण्डली दिखाकर उसके दिशा निर्देशोंके अनुसार चंद्र  ग्रह के दान पुण्य करके  उनकी मारक क्षमता को कम  किया जा सकता हैं 

                               । जय श्री कृष्ण 


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