नमस्कार दोस्तों,
वास्तु शास्त्र के अनुसार मंदिर के लिए ईशान दिशा ही सर्वश्रेष्ठ होती है।
हमें यथासंभव इसी दिशा में ही मंदिर बनाना चाहिये ।
हमें यथासंभव इसी दिशा में ही मंदिर बनाना चाहिये ।
घर में अगर मंदिर के लिए अलग कमरा हो तो बहुत अच्छा रहेगा।
स्थान की कमी होने पर मंदिर ऐसी जगह होना चाहिए जहा घर के सभी सदस्य जा सकते हो लेकिन वह स्थान ईशान कोण में ही होना चाहिए भूलकर भी बैडरूम में मंदिर न बनाए।
घर में एक तुलसी का पौधा होना अति आवश्यक हैं। घर के सभी सदस्यों को दिन में दो बार मंदिर में दर्शन, ज्योति, प्रार्थना आदि करनी चाहिए।
घर की मालकिन को नहाने के बाद तुरंत मंदिर में दिपक की ज्योति करने के बाद ही नाश्ता करना चाहिए इससे देवी देवताओ का सम्मान होता हैं एवं घर में सुख समृद्धि और धन्य धान्य का वास बना रहता हैं।
घर के मुखिया को सदैव अपने घर के मंदिर में ही देवी देवताओ के विग्रह के समक्ष ही आराधना करना श्रेयकर होता है ।
।। जय श्री कृष्ण ।।
0 टिप्पणियाँ