नमस्कार मित्रो,
आज हम शनिदेव को कैसे प्रसन्न करे इस विषय पर प्रकाश डालेंगे ।
शनि के सिर्फ तिल का तेल ही चढता है और तिल का तेल को ही सभी देवी-देवताओं तथा सभी धार्मिक कार्यो में उतम स्थान प्राप्त है लेकिन कुछ अल्पज्ञानी लोग सरसों के तेल को भी शनि व अन्य धार्मिक कार्यों के लिए उपयोगी मानते हैं जो अधर्म है।
हमारे शास्त्रों में सरसों के तेल का कही भी उल्लेख नहीं है, तिल के बीज और तैल का वर्णन हैं तिल के बीज से पितृ तृप्त होते हैं और तैल खाने दीपक जलाने व् दान के लिए श्रेष्ठ माना गया है और कार्य सिद्ध करने के लिए तिल का तेल ही उपयोग में लाना चाहिए। शनि के लिए सरसों के तेल का प्रयोग वर्जित है।
शनिवार को काले रंग की चिड़िया खरीदकर उसे दोनों हाथों से आसमान में उड़ा दें। आपकी तमाम परेशानिया दूर हो जायेंगी ।
शनिवार के दिन लोहे का त्रिशूल शिव, भैरव या महाकाली मंदिर में अर्पित करें।
अपने घर और व्यापार में आर्थिक वृद्धि के लिए आप सदैव शनिवार के दिन ही गेंहू पिसवाने का कार्यक्रम बनाये और गेहूं में कुछ काले चने भी मिला दें।
काले घोड़े की नाल या नाव की कील से बनी लोहे की अंगूठी मध्यमा उंगली में शनिवार को सूर्यास्त के समय पहनें।
काले कुत्ते को दूध पिलाएं। शनिवार की रात को तिल के तेल से बने पुडी या गुलगुले कुत्तो को खिलाऐ।
चीटिंयों को यथासंभव शनिवार के दिन काले तिल का बुरादा, आटा, शक्कर मिलाकर खिलाएं।
शनिवार की शाम पीपल के पेड़ के नीचे तिल के तेल का दीपक जलाएं।
शनि की ढैया से पीड़ित होने पर हनुमान चालीसा का सुबह-शाम 7 बार पाठ करना चाहिए ।
शनिवार की संध्या को काले कुत्ते को तिल के तेल से चुपड़ी हुई रोटी खिलाएं। यदि काला कुत्ते रोटी खा ले तो अवश्य शनि ग्रह द्वारा मिल रही पीड़ा शांति होती है। काले कुत्ते को द्वार पर नहीं लाना चाहिए अपितु पास जाकर सड़क पर ही रोटी खिलानी चाहिए।
शनि शांति के लिए ऊँ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः का जप करें।
शनि शांति के लिए महामृत्युंजय मंत्र का यथाशक्ति जप करें।
विशेष रत्न धारण अथवा अन्य उपाय करने से पहले किसी योग्य ज्योतिषी से अपनी जन्म कुंडली दिखाकर उचित परामर्श अवश्य करें।
।। जय श्री कृष्ण ।।
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