दीपावली 2022 : लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त एवं दीपावली पूजन विधि


दीपावली 2022 : लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त एवं दीपावली पूजन विधि






दीपावली 2022 : इस वर्ष  दीपावली  का पर्व 24 अक्टूबर, 2022 सोमवार के दिन मनाया जायेगा क्योकि दीपावली का पर्व प्रतिवर्ष कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता हैं ।  दीपावली के दिन  भगवान गणेश, माता लक्ष्मी और देवी सरस्वती की पूजा की जाती है। 

धार्मिक मान्यताओं के मुताबिक, समुद्र मंथन के दौरान कार्तिक मास की अमावस्या के दिन माता  लक्ष्मी जी का प्राकट्य हुवा था इसी कारन दीपावली के दिन मां लक्ष्मी की पूजा का खास महत्व है। दीपावली की पूजा विधि विधान के साथ शुभ मुहूर्त में ही  करना श्रेष्ठ  होता है जिससे पूजन कर्ता को धन की अधिष्ठात्री देवी माता लक्ष्मी जी की विशेष कृपा प्राप्त होती है। शुभ मुहूर्त में माता  लक्ष्मी जी की पूजा पुरे विधि - विधान से सम्पन करने से  घर में वर्ष पर्यन्त सुख  - समृद्धि बनी रहती है एवं आर्थिक श्रोत में उत्तरोत्तर वृद्धि होती रहती है|

शास्त्रों  में माता लक्ष्मी और भगवान विष्णु की प्रसन्नता के लिए दीपावली की पूजा के लिए कुछ नियम बताए गए हैं। इन नियमों में गृहस्थों के लिए प्रदोष काल में संध्या के समय स्थिर लग्न में पूजन करना उत्तम माना गया है। इससे सुख समृद्धि की वृद्धि होती है। 

अन्य मतानुसार  माता लक्ष्मी की पूजा करने वालों के लिए मध्य रात्रि का समय उत्तम कहा गया है। मध्य रात्रि में निशीथ काल में देवी लक्ष्मी की पूजा सभी प्रकार की कामना पूर्ण करने वाली मानी जाती है।

अमावस्या तिथि का प्रारम्भ एवं समापन  :-    

कार्तिक अमावस्या तिथि प्रारंभ - 24 अक्टूबर 2022 शाम 05.27
कार्तिक अमावस्या तिथि समाप्त- 25 अक्टूबर 2022 शाम 04.18

लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त 

लक्ष्मी पूजन शुभ मुहूर्त  प्रारंभ-  शाम 6 बजकर 55 मिनट से रात 8 बजकर 51 मिनट तक

स्थिर लग्न मुहूर्त

25 अक्टूबर 2022 रात्रि 01 बजकर 23 मिनट से  03 बजकर 37 मिनट तक

लक्ष्मी पूजन  प्रदोष और वृषभ काल के शुभ मुहूर्त

प्रदोष काल - शाम 05 बजकर 42 मिनट से रात 08 बजकर 16 मिनट तक
वृषभ काल - शाम 06 बजकर 54 मिनट से रात 08 बजकर 50 मिनट तक 

विशेष  घर में सुख समृद्धि के लिए गृहस्थजन 07 बजकर 10 मिनट से रात 08 बजे के बीच पूजा करें।

दीपावली की पूजा पूजा विधि और  पूजन सामग्री

कमल व गुलाब  के फूल, पान का पत्ता, रोली, केसर, चावल, सुपारी, फल, फूल, दूध, इत्र, खील, बताशे, मेवे, शहद, मिठाई, दही, गंगाजल, दीपक, रुई , कलावा, नारियल,तांबे का कलश, स्टील या चांदी का कलश, चांदी का सिक्का, आटा ,तेल,लौंग,लाल कपड़ा, घी, चौकी और एक थाली।

दीपावली की पूजा विधि


चौकी को साफ करने के बाद आटे की मदद से चौकी पर नवग्रह यंत्र बनाएं। स्टील के कलश में दूध, दही, शहद,गंगाजल, लौंग इत्यादि भरकर उस पर लाल कपड़ा बांध दें और उसके ऊपर नारियल विराजित कर दें। नवग्रह यंत्र पर चांदी का सिक्का रखें और लक्ष्मी-गणपति की स्वर्ण अथवा रजत  की प्रतिमा स्थापित कर गंगाजल से स्नान कराएं। रोली और अक्षत से टीका करें।

इस दिन कार्यक्षेत्र में तरक्की पाने के लिए स्थिर लग्न में श्रीसूक्त का पाठ करें। 

दीपावली पूजन के पश्चात अपने घर के सभी बड़े-बुजुर्गो का चरण स्पर्श करके उनका आशीर्वाद प्राप्त करे और अपने नजदीक के लक्ष्मीनारायण मंदिर में जरूर जाये और भगवान से वर्षभर की मंगल कामना की प्रार्थना अवश्य करे। 

परिवार के लोग आपस में एक दूसरे को दीपावली की सुभकामनाये दे और जो प्रसाद माता लक्ष्मी जी के अर्पण किया गया उसको  स्वयं ग्रहण करे। 

       जय श्री लक्ष्मीनारायण ।  

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